Astro Tips For Home: महाभारत, पद्म पुराण, विष्णु पुराण और चरक संहिता सहित अन्य स्मृति ग्रंथों में भोजन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें बताई हैं। इन ग्रंथों के अनुसार भोजन संबंधी नियमों को ध्यान में रखा जाए तो निरोगी रहा जा सकता है।
Premanand Maharaj of Vrindavan: वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज अपने प्रवचनों के चलते अक्सर चर्चा में बने रहते हैं। हाल ही में उनसे मिलने सैनिकों का एक दल पहुंचा। उस दौरान प्रेमानंद महाराज ने उन्हें राष्ट्र धर्म की बात बताई।
Kab Hai Surya Grahan 2024: इस बार चैत्र मास की अमावस्या 8 अप्रैल, सोमवार को है। इस दिन सूर्यग्रहण का संयोग बन रहा है, जिसके चलते ये तिथि और भी खास हो गई है। इस दिन कुछ काम करने से बचना चाहिए।
Surya Grahan 2024: साल 2024 का पहला सूर्यग्रहण 8 अप्रैल, सोमवार को होने जा रहा है। सूर्यग्रहण को लेकर भारत की तरह ही विदेशों में भी कईं तरह की मान्यताएं हैं। ये मान्यताएं काफी अजीब हैं, इनके अपने-अपने तर्क हैं।
Somvati Amavasya 2024 Upay: ग्रंथों के अनुसार, अमावस्या तिथि के स्वामी पितृदेवता हैं। इसलिए अमावस्या तिथि पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष उपाय आदि किए जाते हैं। अमावस्या तिथि यदि सोमवार को हो तो ये सोमवती अमावस्या कहलाती है।
Premanand Maharaj of Vrindavan: वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज के दर्शन करने और उनके प्रवचन सुनने के लिए रोज हजारों लोग आते हैं। महाराज श्री अपने प्रवचनों के दौरान समाज पर फैले अंधविश्वास पर भी कड़ा प्रहार करते हैं।
Bhutadi Amavasya 2024 Kab Hai: इस बार भूतड़ी अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का दुर्लभ संयोग बन रहा है। कईं सालों में एक बार ऐसा योग बनता है। भूतड़ी अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का अशुभ प्रभाव कुछ लोगों पर बहुत ज्यादा हो सकता है, इन्हें सावधान रहना चाहिए।
Gudi Padwa 2024 Kab Hai: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के पहले दिन से हिंदू नववर्ष शुरू होता है, जिसे विक्रम संवंत भी कहते हैं। महाराष्ट्र में हिंदू नववर्ष गुड़ी पड़वा के रूप में मनाया जाता है।
Astro Tips For Home: हिंदू धर्म में हर काम के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं, लेकिन वर्तमान समय में लोग इन नियमों को भूलते जा रहे हैं। हमारे ग्रंथों में भोजन से जुड़े भी कईं खास बातें बताई गई हैं।
Dasha Mata Vrat 2024: हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को दशा माता का व्रत किया जाता है। इस व्रत से जुड़े कुछ कठोर नियम भी हैं। इन नियमों का पालन करना बहुत जरूरी होता है, तभी इस व्रत का पूरा फल मिलता है।