प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सारनाथ पहुंचे। दोनों लाइट एंड साउंड शो का आनंद लेते हुए।
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| Published : Nov 30 2020, 02:16 PM IST / Updated: Feb 05 2022, 03:21 PM IST
काशी में मोदी के 7 घंटे: 6-लेन हाइवे के उपहार से शुरुआत, सारनाथ में बुद्ध कथा शो के साथ दौरा हुआ खत्म
पीएम मोदी सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। बतौर PM उनका यह 23वां दौरा है, जबकि दूसरे कार्यकाल में तीसरी बार आ रहे हैं। आखिरी बार वे 16 फरवरी को काशी आए थे। देव दीपावली (कार्तिक पूर्णिमा) पर पीएम मोदी पहली बार वाराणसी आए हैं। कार्तिक पूर्णिमा यानी आज के दिन का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन देवता स्वर्ग लोक से उतरकर दीपदान करने पृथ्वी पर आते हैं, इसलिए इस दिन को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व दिवाली के 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
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पीएम मोदी ने संत रविदास की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए, इसके बाद बुद्ध की उपदेश स्थली सारनाथ के लिए रवाना हुए। सारनाथ में पीएम मोदी ने अमिताभ की आवाज में बुद्ध कथा सुनी।
पीएम मोदी ने संत रविदास की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए, इसके बाद बुद्ध की उपदेश स्थली सारनाथ के लिए रवाना हुए। सारनाथ में पीएम मोदी ने अमिताभ की आवाज में बुद्ध कथा सुनी।
पीएम मोदी ने संत रविदास की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए, इसके बाद बुद्ध की उपदेश स्थली सारनाथ के लिए रवाना हो गए। यह 10 किलोमीटर का सफर वह रोड के जरिए तय कर रहे हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के संत रविदास पार्क में संत रविदास की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए।
प्रधानमंत्री मोदी क्रूज पर सवार होकर राजघाट से रविदास घाट की ओर रवाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाव से चेत सिंह घाट पर आयोजित लाइट एंड साउंड शो का आनंद लेते हुए।
लेजर शो की तस्वीर
कोरोना की वजह से बीच में नहीं आ पाया। तब मैं महसूस करता था कि मैंने कुछ खो दिया है। आज जब आया तो मन ऊर्जावान हो गया। कोरोना में भी मैं आप से दूर नहीं था। मैं मां अन्नपूर्णा की इस धरती से आपने जो सेवाभाव से काम किया है, किसी को भूखा नहीं रहने दिया है। इस सेवाभाव के लिए निरन्तर इस काम को किया गया। मेरे काशी में भी यह हुआ। मैं आज आपके इस सेवा भाव के लिए आपसबको नमन करता हूं। आपके सेवाभाव को प्रणाम करता है। मैं विश्वास दिलाता हूं कि मेरी तरफ से मैं आपकी सेवा में कोई कमी नहीं रहने दूंगा। कोरोना को परास्त कर हम विकास के पथ पर तेज गति से आगे बढ़ेंगे।
मां गंगा का जल भी अब निर्मल हो रहा है। यही तो बनारस का सदा बना रहने वाला रस है। अब यहां से मैं भगवान बुद्ध की स्थली सारनाथ जाऊंगा। सारनाथ में शाम के समय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आप सभी की जो लंबे समय से मांग थी वह पूरी हो गई है। लेजर शो में भगवान बुद्ध की दया करुणा के संदेश दिखेंगे। जब दुनिया आतंक के खतरे देखकर चिंतित है। वैर से वैर कभी शांत नहीं होता।
काशी के लिए जब विकास के काम शुरू हुए थे, विरोध करने वालों ने तब भी विरोध के लिए विरोध किया था। आपको याद होगा, जब काशी ने तय किया था कि बाबा के दरबार तक विश्वनाथ कोरिडोर बनेगा, तब विरोध करने वालों ने इसे लेकर काफी कुछ कहा था। बहुत कुछ किया भी था। लेकिन आज बाबा की कृपा से काशी का गौरव फिर से जीवित हो रहा है। अयोध्या में राममंदिर से बड़ा इसका उदाहरण क्या होगा।
काशी के नर नारी देव स्वरूप हैं। आज रेहड़ी, पटरी, ठेले वालों को बैंक लोग देने के लिए आगे चलकर आ रहे हैं। आज देश लोकल के लिए वोकल हो रहा है। आज भी बनारस में देवता दीपावली मना रहे हैं। इस बार की दिवाली जैसे मनाई गई, जैसे देश के लोगों ने लोकल प्रोडक्ट, लोकल गिफ्ट के साथ अपने त्योहार मनाए, वह वाकई प्रेरणादायी है। यह हमारी जिंदगी का हिस्सा बनना चाहिए। आज हमारे पर्व भी गरीब की सेवा का माध्यम बन रहे हैं।
काशी दुनिया को रास्ता दिखाती रहती है। आज हम जिस देव दीपावली के दर्शन कर रहे हैं इसकी प्रेरणा पहले पंच गंगा घाट पर स्वंय आदि शंकराचार्य ने दी थी।
आज जब काशी की विरासत वापस लौट रही है तो ऐसा भी लग रहा है जैसे काशी माता अन्नपूर्णा के आगमन की खबर सुनकर सजी सवरी हो। लाखों दियो से काशी के घाटों का जगमन होना अद्दभुत है। गंगा का प्रकाश इसे और भी अलौकिक बना रहा है। ऐसा लग रहा है जैसे आज पूर्णिमा पर महादेव के माथे पर विराजमान चन्द्रमा की तरह चमक रही है।
यहां आने से पहले काशी विश्ननाथ कोरिडोर जाने का भी मौका मिला। रात में सारनाथ में लेजर शो का भी साक्षी बनूंगा। मैं इसे महादेव का आशीर्वाद और काशीवासियों का स्नेह मानता हूं। काशी के लिए एक और भी विशेष अवसर है। आपने सुना होगा, कल मन की बात में भी जिक्र किया था। अभी योगी जी बड़ी ताकत भरी आवाज में उसे दोहराया। 100 साल से भी पहले माता अन्नपूर्णा की जो मूर्ति चोरी हो गई थी वह फिर वापस आ रही है। माता अन्नपूर्णा फिर एक बार अपने घर लौटकर आ रही हैं। काशी के लिए ये बड़े सौभाग्य की बात है। हमारे देवी देवताओं की ये प्राचीन मूर्तियां आस्था के प्रतीक के साथ ही अमूल्य विरासत भी है। ये बात भी सही है कि इतना प्रयास पहले किया गया होता तो इतनी ही कितनी मूर्तियां देश को पहले वापस मिल जाती । लेकिन कुछ लोगों की सोच अलग रही है। हमारे लिए विरासत का मतलब है देश की धरोहर, लेकिन कुछ लोगों के लिए विरासत का मतलब होता है अपना परिवार, अपने परिवार का नाम। हमारे लिए विरासत का मतलब है हमारी संस्कृति, आस्था हमारे मूल्य।
कोरोना ने भले ही बहुत कुछ बदल दिया, लेकिन काशी की भक्ति और शक्ति को कोई नहीं बदल सकता है। सुबह से ही काशीवासी, स्नान, ध्यान और दान में ही लगे हैं। काशी वैसे ही जीवंत है। काशी की गलियां वैसी ही उर्जा से भरी है। यही तो मेरी काशी है।
पीएम मोदी ने कहा, सभी काशीवासियों को कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं। सभी को प्रकाश पर्व की भी बधाई।
योगी आदित्यनाथ ने कहा, पीएम मोदी की अनुकम्पा से काशी की मां अन्नपूर्णा एक बार फिर से काशीवासियों को प्राप्त होने वाली हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मोदी ने नामुमकिन को मुमकिन किया है। गंगा स्नान ही नहीं, बल्कि आचवन करने लायक भी बनी है।
पीएम मोदी ने काशी के मंदिरों की वेबसाइट का उद्घाटन किया।