सार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ड्राइवर ने ट्रैक पर घूम रहे मवेशियों को बचाने के लिए अचानक ब्रेक लगा लिया था। इसके बाद ट्रेन में कुछ तकनीकी खराबी आ गई और ट्रेन रिवर्स चलने लगी। फिलहाल रेलवे इस बात की जांच कर रहा है कि ट्रेन आखिर उलटी दिशा में क्यों चलने लगी?
देहरादून (Uttarakhand) । अचानक 35 किमी पीछे चलने वाली ट्रेन की सच्चाई आखिरकार सामने आ गई। नॉर्थ इस्टर्न रेलवे ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी शेयर की है। जिसके मुताबिक 17 मार्च को खटीमा-टनकपुर सेक्शन के बीच मवेशी के कारण एक घटना घटी। ट्रेन खटीमा यार्ड से थोड़ी ही दूर सुरक्षित रूप से रुक गई। कोई भी कोच पटरी से नहीं उतरा और सभी यात्रियों को सुरक्षित टनकपुर पहुंचाया गया। लोको पायलट और गार्ड को निलंबित कर दिया गया है। बता दें कि इससे पहले शनिवार को दिल्ली-देहरादून शताब्दी एक्सप्रेस के एक कोच में आग लग गई थी। बताते हैं कि यह घटना उस वक्त हुई थी, जब कोच को ट्रेन से अलग किया गया था और बोगी पहले ही खाली हो चुकी थी।
यह है पूरा मामला
दिल्ली से उत्तराखंड के टनकपुर के लिए बुधवार को पूर्णागिरि जनशताब्दी एक्सप्रेस निकली थी। टनकपुर से कुछ दूरी पर खटीमा के पास अचानक ट्रेन रिवर्स चलने लगी थी। पूरी स्पीड में रिवर्स चल रही ट्रेन को लेकर यात्री डर गए थे। वे समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर ये हो क्या रहा है। ट्रेन में सवार कुछ यात्री अपने रिश्तेदारों को फोन मिलाने लगे तो कुछ दरवाजे के पास आकर बाहर झांकने लगे थे। हालांकि 35 किलोमीटर तक चलने के बाद ट्रेन किसी तरह खटीमा यार्ड के पास रुक गई थी। किसी भी यात्री को इसमें कोई नुकसान हीं हुआ।
...तो इस वजह से भी हुआ ऐसा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ड्राइवर ने ट्रैक पर घूम रहे मवेशियों को बचाने के लिए अचानक ब्रेक लगा लिया था। इसके बाद ट्रेन में कुछ तकनीकी खराबी आ गई और ट्रेन रिवर्स चलने लगी। फिलहाल रेलवे इस बात की जांच कर रहा है कि ट्रेन आखिर उलटी दिशा में क्यों चलने लगी?