Kaal bhairav jayanti 2023: इस बार कालभैरव अष्टमी का पर्व 5 दिसंबर, मंगलवार को मनाया जाएगा। इसे कालभैरव जयंती भी कहते हैं। कालभैरव भगवान शिव के प्रमुख अवतारों में से एक है। इनके अनेक मंदिर हमारे देश में स्थित है।
Kaal Bhairav Jayanti 2023: धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान शिव ने समय-समय पर अनेक अवतार लिए, इनमें से एक है कालभैरव। कालभैरव का स्वभाव अत्यंत क्रोधी है और इनका स्वरूप भी काफी विचित्र है।
Kaal Bhairav Upay: इस बार कालभैरव अष्टमी का पर्व 16 नवंबर, बुधवार को मनाया जा रहा है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान कालभैरव शिवजी के क्रोध से उत्पन्न हुए थे। इस दिन भैरव मंदिरों में विशेष साज-सज्जा व पूजा की जाती है।
Kaal Bhairav Ashtami 2022: धर्म ग्रंथों में भगवान शिव के अनेक अवतारों के बारे में बताया गया है। भैरव भी इनमें से एक है। ये भगवान शिव का उग्र अवतार है। भैरव के भी कई रूप हैं। इनकी पूजा तंत्र-मंत्र के माध्यम से की जाती है।
Kaal Bhairav Jayanti 2022: हिंदू धर्म में अनेक देवताओं की पूजा की जाती है, कालभैरव भी इनमें से एक है। कालभैरव को भगवान शिव का ही अवतार माना जाता है। देश में भगवान कालभैरव के कई प्राचीन और चमत्कारी मंदिर हैं, जहां रोज भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
Kaal Bhairav Ashtami 2022: 16 नवंबर, बुधवार को कालभैरव अष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन भगवान कालभैरव की पूजा विशेष रूप से की जाएगी और तरह-तरह के भोग भी लगाए जाएंगे। मान्यता के अनुसार, इसी तिथि पर कालभैरव की उत्पत्ति हुई थी।
Kaal Bhairav Ashtami 2022 Upay: इस बार 16 नवंबर, बुधवार को कालभैरव अष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन प्रमुख भैरव मंदिरों में साज-सज्जा की जाएगी और भोग-प्रसाद चढ़ाया जाएगा। इस दिन भगवान कालभैरव को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय भी किए जाते हैं।
Kaal Bhairav Ashtami 2022: हर साल अगहन मास में भगवान कालभैरव की जयंती मनाई जाती है। इसे कालभैरव अष्टमी के नाम से जाना जाता है। इस बार ये पर्व 16 नवंबर, बुधवार को है। इस दिन भैरव मंदिर में विशेष पूजा आदि की जाती है।
Kaal Bhairav Chalisa: भगवान कालभैरव प्रमुख शिव अवतारों में से एक हैं। इनकी पूजा तामसिक रूप से की जाती है जैसे मांस और मदिरा से। तंत्र-मंत्र में भी इनका विशेष महत्व है। इस बार कालभैरव अष्टमी का पर्व 16 नवंबर, बुधवार को मनाया जाएगा।