नागरिकता संशोधन अधिनियम सीएए के खिलाफ दायर हुई याचिकाओं पर मंगलवार को हुई सुनवाई में कहा गया कि सीएए पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगेगी। जहा तक याचिकाओं पर सुनवाई का सवाल है। उन पर तीन सप्ताह के अंदर जवाब दिया जाएगा।
नागरिकता संशोधन अधिनियम CAA के खिलाफ दायर हुई याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। याचिकाओं के माध्यम से कहा गया है कि ये अधिनियम मुसलमानों से भेदभाव करता है।
शुक्रवार को अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि हम चिंतित हैं। हम इस कानून की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। यह देख रहे हैं कि इसे कैसे लागू किया जाएगा।
भारत सरकार ने सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 लागू किया, जिससे 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने का काम करेगा।
बीजेपी शासित केंद्र सरकार ने बीते सोमवार 11 मार्च को नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू किया था। इस कानून के तहत 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आने वाले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता दिए जाने का काम किया जाएगा।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया है कि CAA असम में पूरी तरह महत्वहीन है। जिन लोगों ने NRC के लिए आवेदन किया है और उनके नाम नहीं मिले हैं वे ही CAA के तहत आवेदन कर सकते हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि पारसी और ईसाई सीएए के तहत पात्र क्यों हैं लेकिन मुस्लिम क्यों नहीं?
AAP नेता ने अपने बयान में हिंदू शरणार्थियों को अपराधी और बलात्कारी करार दिया था। इसके बाद पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों में आक्रोश फैल गया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी दलों पर जमकर बरसे। उन्होंने CAA को लेकर बात करते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) मुसलमानों के खिलाफ नहीं है।
NDA को उम्मीद है कि उसे लोकसभा चुनाव 2024 में 400 से अधिक सीटें मिलेंगी। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोकस दक्षिण के राज्यों पर है। पीएम अपने दो कार्यकाल के कामों को गिनाकर तीसरे कार्यकाल के लिए वोट मांग रहे हैं।