Supreme Court ने एक केस में फैसला देते हुए स्पष्ट किया है कि “एक बार policy holder की मेडिकल कंडीशन का आंकलन करने के बाद यदि पॉलिसी जारी कर दी जाए तो कंपनी बीमित व्यक्ति की मौजूदा चिकित्सा स्थिति का कारण बताते हुए क्लेम को खारिज नहीं कर सकता है, जिसे बीमाधारक ने प्रपोजल फॉर्म में बताया था।”