केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि CoWIN ऐप या डेटा लीक नहीं हुआ है। यह पहले चुराया हुआ डेटा लगता है।
टेलीग्राम के बोट की तरफ से जो डिटेल्स डिस्प्ले की गई थी, उसमें पर्सनल मोबाइल नंबर, एड्रेस, नाम, आधार कार्ड और पासपोर्ट डिटेल्स शामिल हैं। दावा किया गया है कि कोविन पर यह सबसे बड़ा डेटा लीक है। हालांकि, अब इस पर सरकार का जवाब आ गया है।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कोरोना संक्रमण (corona virus) के खिलाफ भारत में जारी दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान(vaccination campaign) से जुड़ी एक महत्वपूर्ण बात स्पष्ट की है। केंद्र ने कहा है कि वैक्सीन लगवाने कोविन एप(CoWIN Application) पर रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है।
अब CoWin पर एक मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करके छह सदस्यों को पंजीकृत किया जा सकता है।
जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं वहां जारी किए जाने वाले कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट (Covid vaccination certificate) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर नहीं होगी.
राष्ट्रव्यापी कोरोना टीकाकरण अभियान(corona vaccination campaign) के अंतर्गत अब तक 90 करोड़ वैक्सीन की खुराकें लगाई गई हैं।
CoWin को 16 जनवरी को लॉन्च किया गया था। चार महीने के अंदर ही 20 करोड़ रजिस्ट्रेशन हो गए। 1 जुलाई तक इस प्लेटफॉर्म पर 35.4 करोड़ लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वर्चुअल होने जा रहे कोविन वैश्विक सम्मेलन में वैक्सीनेशन कैम्पेन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे डिजिटल प्लेटफॉर्म; खासकर भारत के CoWIN App पर अपने विचार साझा किया।
कोरोना संक्रमण से जारी लड़ाई की दिशा में एक नया कदम आगे बढ़ गया है। गर्भवती महिलाओं के वैक्सीनेशन के लिए कोविन ऐप में रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध हो गई है। पिछले हफ्ते ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने इससे जुड़ी गाइडलाइन जारी की थी।
कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए कोविन पोर्टल को लांच किया गया है। इस पोर्टल पर वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है। इसे भारत सरकार ने लांच किया है।