चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने मौत की सजा किन परिस्थितियों में कम हो सकती है यह तय करने की जिम्मेदारी 5 जजों की बेंच को दी है। इस संबंध में गाइडलाइन बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान लिया गया था।