धनतेरस पर भारत के लिए अच्छी खबर है। देश के विदेशी मुद्रा भंडार में जोरदार उछाल आया है। रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 3 नवंबर 2023 को खत्म हुए हफ्ते में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 4.67 बिलियन डॉलर का इजाफा देखने को मिला है।
Dhanteras 2023 Aarti: धनतेरस पर देवी लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। इन तीनों देवी-देवताओं की कृपा से ही हमारे जीवन में सुख-समृद्धि आती है। धनतेरस पर इनकी आरती जरूर करनी चाहिए।
धनतेरस 10 नवंबर (शु्क्रवार) को मनाया जा रहा है। रोशनी के त्योहार दिवाली से दो दिन पहले इसे मनाया जाता है। इस दिन धन्वंतरि देव, मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा की जाती है।
Dhanteras 10 November 2023 Rashifal: 10 नवंबर, शुक्रवार को धनतेरस पर्व मनाया जाएगा। इस दिन अमृत, शुभकर्तरी, वरिष्ठ, सरल और सुमुख नाम के 5 योग रहेंगे। इस दिन राहुकाल सुबह 10:48 से दोपहर 12:10 तक रहेगा।
Dhanteras Puja Samagri List: धनतेरस हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इसी दिन से दीपावली उत्सव की शुरुआत भी होती है। धनतेरस पर देवी लक्ष्मी के साथ धन के देवता कुबेरदेव की पूजा करने का विधान है।
Dhanteras Deepdan 2023 Shubh Muhurat: दीपावली से पहले धनतेरस की शाम को यमराज को प्रसन्न करने के लिए दीपदान किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से परिवार में किसी की अकाल मृत्यु नहीं होती। आगे जानिए दीपदान की विधि और शुभ मुहूर्त…
Kab Hai Dhanteras 2023: हर साल दीपावली से पहले धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस दिन धन के देवता कुबेर के अलावा भगवान धन्वंतरि की पूजा भी जाती है और यमरा को प्रसन्न करने के लिए दीपदान किया जाता है।
Dhanteras 2022: धनतेरस इस बार 23 अक्टूबर को हैं। यह हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मना जाता है। वैसे तो इस दिन सोना चांदी खरीदने की परंपरा है। लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं वो चीजें जिसे इस दिन भूलकर भी नहीं खरीदनी चाहिए। नहीं तो घर में कंगाली आती है।
Dhanteras 2022: दीपावली का पंचदिवसीय महोत्सव धनतेरस से शुरू हो जाता है। इस बार धनतेरस का पर्व 22 अक्टूबर, शनिवार को है। धनतेरस पर खरीदी का विशेष महत्व है। मान्यता के अनुसार, इस दिन खरीदी गई चीजें शुभ फल प्रदान करती हैं।
Dhanteras 2022: पंच दिवसीय दीपावली पर्व इस बार 22 अक्टूबर, शनिवार से शुरू हो जाएगा। इस दिन धनतेरस शाम 6 बजे शुरू होगी, जो 23 अक्टूबर, रविवार की शाम 6 बजे तक रहेगी। तिथियों के चलते ये पर्व 1 नहीं बल्कि 2 दिन मनाया जाएगा।