ड्राइविंग लाइसेंस गुम होने पर सबसे पहले उसकी रिपोर्ट पुलिस स्टेशन में जाकर करनी चाहिए। इसकी जरुरत डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए किया जाता है। अगर ड्राइविंग लाइसेंस कट-फट गया या पुराना हो गया है तो उसकी कॉपी दिखानी होती है।
इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस होने से आप उस देश में आसानी से गाड़ी चला सकते हैं, जहां आप जा रहे हैं। इसका इस्तेमाल एक वैलिड आईडी की तरह भी होता है। मतलब हर जगह पासपोर्ट ले जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक की व्यवस्था वाला दिल्ली भारत का पहला राज्य बन जाएगा। इसके बाद उम्मीद है कि कुछ और राज्य भी इस व्यवस्था को अपना सकते हैं। इससे ड्राइविंग टेस्ट पास करना आसान नहीं होगा और 24 पैरामीटर्स पर खरा उतना होगा।