माना जा रहा है कि इस सब को रोकने के लिए ही केजरीवाल को पंजाब का चेहरा चाहिए था। जो कार्यकर्ता और नेताओं से बातचीत कर उन्हें मना सके। हालांकि, केजरीवाल भगवंत मान को सीएम का चेहरा घोषित करना नहीं चाह रहे थे। यही वजह थी कि भगवंत मान समर्थकों के बार-बार मांग के बावजूद भी केजरीवाल ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।