ह्यूमन राइट्स ग्रुप्स ने चिंता जताई थी कि तालिबान, सोशल मीडिया ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर लोगों को डिजिटल हिस्ट्री खंगाल सकता है।