राजद्रोह कानून को बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने होल्ड कर दिया। देश में लागू 162 साल पुराने इस कानून पर केंद्र सरकार ने पुनर्परीक्षण को तैयार है। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि इस कानून का दुरुपयोग लगातार किया जा रहा है।