Joshimath Narasimha Temple: उत्तराखंड का जोशीमठ हिंदुओं की आस्था का केंद्र हैं क्योंकि यहां कई प्राचीन मंदिर हैं। इनमें से नृसिंह बदरी का मंदिर भी एक है। इस मंदिर से कई कथाएं जुड़ी हैं। कहां जाता है कि स्वयं आदि गुरु शंकराचार्य ने इस मंदिर की स्थापना की थी।
इसरो के सैटेलाइट इमेज से ली गई तस्वीरों से पता चला है कि जोशीमठ तेजी से डूब रहा है। सिर्फ 12 दिन में जोशीमठ 5.4 सेंटीमीटर डूब गया। मध्य जोशीमठ में मिट्टी तेजी से खिसकी है। इस इलाके में सेना का हेलीपैड और एक मंदिर है।
जोशीमठ में पलायन जारी है। बोझिल मन से लोग घरों को छोड़ तो रहे लेकिन जाते वक्त पीछे मुड़कर उस शहर, गलियों और घरों को निहारती आंखें यह सपना भी देख रहीं कि कभी न कभी वह अपनी जमीन पर लौटेंगे जरूर।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ (Joshimath) के भूस्खलन प्रभावित इलाके का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात की और कहा कि सभी लोगों की जान बचाना सरकार का पहला मकसद है।