कोर्ट को बताया गया कि बगैर ऑनलाइन परीक्षा के सिलेबस जारी किये ही ऑनलाइन परीक्षा ली गई थी जबकि ऑनलाइन परीक्षा के लिए बोर्ड ने राज्य सरकार को सूचित कर मंजूरी भी लिया था।