एम्पलाई पीपीएफ और ईपीएफ दोनों स्कीम में निवेश कर सकता है। ईपीएफ में एम्प्लाई के साथ कंपनी भी इन्वेस्टमेंट करती है। वहीं, पीपीएफ में आप अपने क्षमता के अनुसार इन्वेस्ट कर सकते है। यह एक वॉलंटरी स्कीम है।
वित्त मंत्रालय हर तीन महीनों में छोटी सेविंग स्कीम्स के लिए एजवायजरी जारी करता है। इसमें वह योजना पर मिलने वाले ब्याज के कम या ज्यादा होने की जानकारी दी जाती है। नए वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के लिए अधिसूचना जारी की है।
SSY, PPF और NPS में सालभर के दौरान मिनिमम अमाउंट अगर आपने नहीं जमा किया है तो आपको पेनाल्टी भरनी पड़ सकती है। बता दें, सुकन्या समृद्धि योजना में 250 रु, पीपीएफ में 500 रु. और एनपीएस अकाउंट में सालभर में कम से कम आपको 1000 रु. जमा करना होता है।
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के मुताबिक, पीपीएफ और सुकन्या में निवेश पर 1.5 लाख रुपए तक का डिडक्शन मिलता है। इसका फायदा उठाकर आप इनकम टैक्स में छूट पा सकते हैं।
छोटी बचत योजना में निवेश करने वालों के लिए 30 सितंबर, 2023 की तारीख बहुत ही ज्यादा अहम है। PPF, सुकन्या समृद्धि योजना जैसी स्मॉल सेविंग स्कीम के निवेशकों को खाते से जुड़ा एक बेहद जरूरी काम कर लेना है। वरना उनके लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है।
सामान्य तौर पर पीपीएफ अकाउंट (PPF Account) का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल का होता है। इसके बाद कंज्यूमर को दो बार मैच्योरिटी बढ़ाने का मौका दिया जाता है।
केंद्र सरकार ने 1 जनवरी से पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट, एनएससी (नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट) और सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम सहित छोटी डिपॉजिट पर ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत तक की वृद्धि की है।
Budget 2022 : देश भर के टैक्सपेयर्स को निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं, जिसमें आईसीएआई ने धारा 80 सी की वार्षिक सीमा को मौजूदा 1.50 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपए करने का सुझाव दिया गया है।
PPF Account Rules के तहत वर्तमान में, पीपीएफ ब्याज दर (PPF Interest Rate) 7.10 प्रतिशत है। पीपीएफ ब्याज की गणना मासिक आधार पर की जाती है लेकिन सालाना चक्रवृद्धि होती है।
केंद्र सरकार ने स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स (Small Saving Schemes) पर से ब्याज दरों को घटाने का फैसला वापस ले लिया है। इससे करोड़ों लोगों को फायदा होगा।