सरकार दो बैंकों का प्राइवेटाइजेशन करने जा रही है। निजीकरण के लिए तेजी से काम भी जारी है। 2021-2022 के केंद्रीय बजट में सरकार ने दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को प्राइवेट करने की मंशा जतायी थी।
जम्मू-कश्मीर के सभी हिस्सों में कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर रहे। लाइनमैन से लेकर सीनियर इंजीनियर तक पीडीडी का हर कर्मचारी हड़ताल का हिस्सा है। अधिकारियों का कहना है कि हड़ताली कर्मचारियों के साथ बातचीत हुई, लेकिन स्थिति से निपटने में वे लोग असफल रहे।
सरकार ने 2019 में ऋणदाता में अपनी अधिकांश हिस्सेदारी एलआईसी (LIC) को बेचकर आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) का निजीकरण कर दिया है और पिछले चार वर्षों में 14 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय कर दिया है।
सरकार ने लोकसभा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021 को पेश कर दिया। लोकसभा की कार्यवाही के समय एक सवाल भी किया गया कि क्या कंपनियों के निजीकरण के बाद भी आरक्षण बना रहेगा?