12 साल की लड़की के साथ यौन अपराध केस में आरोपी को बरी करते हुए जस्टिस गनेडीवाला ने कहा था कि स्किन-टु-स्किन संपर्क में आए बिना किसी को छूना POCSO एक्ट के तहत यौन हमला नहीं माना जाएगा।