आज (4 दिसंबर) 2021 की आखिरी अमावस्या है, ये अगहन महीने की शनैश्चरी अमावस्या है। इसके बाद 20 साल बाद अगहन महीने में शनैश्चरी अमावस्या का शुभ संयोग बनेगा। पुराणों में शनिवार को आने वाली अमावस्या को महत्वपूर्ण बताया गया है।
अमावस्या और शनिवार का संयोग साल में 1 या 2 बार ही बनता है। जब भी ऐसा संयोग बनता है, इसे शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya 2021) कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से शनि दोष, पितृ दोष तथा अन्य कई दोषों से बचा जा सकता है।
आज (4 दिसंबर, शनिवार) अगहन महीने की अमावस्या है। इस दिन शनिवार होने से इसका फल और बढ़ गया है। इसे शनैश्चरी या शनिचरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya 2021) कहा जाएगा। शनिवार को अमावस्या तिथि दोपहर करीब 1.15 तक रहेगी।
जन्मकुंडली में शनि देव के विपरीत भाव में होने से जीवन में अनेक प्रकार की शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्याएं आती ही रहती हैं। विशेषतः शनि की साढ़ेसाती, ढय्या, महादशा में यह समस्याए अपने चरम बिंदु पर पहुच सकती है।
4 दिसंबर, शनिवार को अगहन मास की अमावस्या है। इस दिन अगहन मास का कृष्ण पक्ष खत्म होगा और 5 तारीख से शुक्ल पक्ष शुरू हो जाएगा। 3 तारीख की शाम करीब 5 बजे से अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी, लेकिन ये पर्व 4 को मनाया जाएगा।
इस बार 4 दिसंबर, शनिवार को अगहन मास की अमावस्या (Amavasya) है। शनिवार को अमावस्या होने से शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya 2021) को योग इस दिन बन रहा है। ये साल 2021 की अंतिम शनिश्चरी अमावस्या है।