Shattila Ekadashi 2024 Katha: माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 6 फरवरी, मंगलवार को है। इस एकादशी की कथा सुने व्रत का पूरा फल नहीं मिलता।
Shattila Ekadashi 2024 Date:माघ मास में षटतिला एकादशी का व्रत किया जाता है। इस व्रत में गवान विष्णु की पूजा का महत्व और तिल का उपयोग 6 कामों में करने का विधान है। इस बार ये व्रत फरवरी 2024 में किया जाएगा।
28 जनवरी, शुक्रवार को माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है, इसे षट्तिला एकादशी (Shattila Ekadashi 2022) कहा जाता है। इस तिथि पर तिल से संबंधित शुभ काम करने की परंपराएं हैं। षट्तिला एकादशी पर पानी में काले तिल डालकर स्नान करना चाहिए।
माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi 2022) कहते हैं। इस बार ये एकादशी 28 जनवरी, शुक्रवार है। इस दिन खासतौर से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। धर्म ग्रंथों में इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है।
इस बार 28 जनवरी, शुक्रवार को माघ मास की एकादशी का योग बन रहा है। इसे षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi 2022) कहते हैं। ये तिथि भगवान विष्णु को प्रिय है और दिन यानी शुक्रवार को देवी लक्ष्मी से संबंधित माना जाता है।
माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi 2022) कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को तिल से बने पकवानों का भोग लगाया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi 2022) कहते हैं। इस बार ये एकादशी 28 जनवरी, शुक्रवार को है। हर एकादशी की तरह षटतिला एकादशी पर भी भगवान श्री विष्णु की पूजा की जाती है और उन्हें तिल का भोग लगाया जाता है।
Shattila Ekadashi 2023: माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहते हैं। इस बार ये तिथि 18 जनवरी, बुधवार को है। इस दिन तिल का उपयोग विशेष रूप से 6 कामों में किया जाता है। इसलिए इसे षटतिला एकादशी कहते हैं।