Bhadra Timing on Holika Dahan 2024: हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर होलिका दहन किया जाता है। इसके अगले दिन रंगों का त्योहार होली जिसे धुलेंडी भी कहते हैं, मनाया जाता है। होलिका दहन पर भद्रा का विशेष ध्यान रखा जाता है।
Mahashivratri 2024 Kab Hai: हर साल फाल्गुन मास में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इसे बार ये पर्व मार्च 2024 में मनाया जाएगा। इस दिन कईं शुभ योग बन रहे हैं जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
Makar Sankranti 2024 Shubh Muhurat: सूर्य हर 30 दिन में राशि बदलता है। जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो मकर संक्रांति की पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 15 जनवरी, सोमवार को मनाया जाएगा। जानें इस दिन कब से कब तक रहेगा शुभ मुहूर्त?
Vivah Shubh Muhurat Januray 2024: 15 जनवरी, सोमवार को जैसे ही सूर्य धनु से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेगा, वैसे ही खर मास समाप्त हो जाएगा। इसके बाद विवाह आदि पर लगी रोक हट जाएगी।
Makar Sankranti 2024 Kab Hai: मकर संक्रांति हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो ये पर्व मनाया जाता है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा का विधान है। देश में ये त्योहार अलग-अलग नामों से मनाया जाता है।
Diwali 2023 Shubh Muhurat: हर साल कार्तिक अमावस्या पर दिवाली पर्व मनाया जाता है। इस बार 2 दिन अमावस्या तिथि होने से लोगों के मन में दिवाली डेट को लेकर कन्फ्यूजन है। हालांकि ज्योतिषी इस बात को लेकर एकमत हैं। जानें इस बार दीपावली की सही डेट?
Kab Hai Dhanteras 2023: हर साल दीपावली से पहले धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस दिन धन के देवता कुबेर के अलावा भगवान धन्वंतरि की पूजा भी जाती है और यमरा को प्रसन्न करने के लिए दीपदान किया जाता है।
Diwali 2023 Puja Shubh Muhurat: इस बार दीपावली 12 नवंबर, रविवार को मनाई जाएगी। इस दिन शाम को देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान है। ये पूजा शुभ मुहूर्त में की जाती है। आगे जानिए दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूर्त की पूरी डिटेल…
Shastra Puja 2023 Date: हर साल दशहरे पर शस्त्र पूजन किया जाता है। ये एक जरूरी परंपरा है जो क्षत्रियों परिवारों में और पुलिस, सेना आदि विभागों में आवश्यक रूप से निभाई जाती है।
Sharadiya Navratri 2023: आश्विन मास में हर साल शारदीय नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व अक्टूबर मास में मनाया जाएगा। इन 9 दिनों में रोज देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है।