आरोपी ने 2003 में सॉल्वर बिठाने और प्रतियोगी परीक्षाओं में सेंध लगाने का काम शुरू किया। इसके बाद 2004 में ग्वालियर के 2 लोगो को एमपी पीएमटी में सॉल्वर बिठाकर उन्हें सिलेक्ट कराया था। ऐसी गतिविधियों में व्यापम घोटाले में भी इस पर एफआईआर दर्ज हुई थी। वहीं आरोपी पेपर लीक कराने वाले माफियाओं से संपर्क करने के लिए विशेष एप का उपयोग करता था। इसके बाद उस एप को डिलीट कर देता था। एसटीएफ को आरोपी के बैंक अकाउंट से कुछ सुराग मिले हैं जिसकी जांच की जा रही है।
यूपी एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि राय अनूप प्रसाद मूल रूप से गोरखपुर का रहने वाला है। एसटीएफ अब परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय और राय अनूप प्रसाद के बीच कनेक्शन का पॉइंट भी तलाश रही है। राय अनूप प्रसाद का गोरखपुर के गुलरिया थाना क्षेत्र के सरहरी रियासत से गहरा नाता रहा है।
यूपी टीईटी परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में यूपी एसटीएफ ने बड़ा खुलासा किया है। जिसके तहत पता चला कि निलंबन के बाद गिरफ्तार हुए परीक्षा नियामक प्राधिकारी के सचिव संजय उपाध्याय और आरएसएम फिनसर्व लि. के निदेशक अनूप प्रसाद के बीच पुराने रिश्ते रहे हैं। प्रश्नपत्र छपने का काम देने से पहले नोएडा के पांच सितारा होटल में संजय और अनूप के बीच मीटिंग भी हुई थी। यह काम 13 करोड़ रुपये का था, लेकिन काम देने से पहले न तो परीक्षा का काम लेने वाली कंपनी का टर्न ओवर देखा गया और न ही उसका सेटअप देखा गया।
उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए यूपी टीईटी परीक्षा में हुए पेपर लीक मामले में मंगलवार को यूपी एसटीएफ टीम ने प्रश्न पत्र छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस के डायरेक्टर को गिरफ्तार किया। वहीं, इसी मामले में निलंबित हुए परीक्षा नियामक अधिकारी संजय उपाध्याय को बुधवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया। आपको बता दें कि मामले में पूछताछ के लिए डायरेक्टर को नोएडा बुलाया गया था, जहां उसकी भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
योगी सरकार ने जांच में दोषी पाए जाने के बाद लापरवाही बरतने के आरोप में परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय को निलंबित कर दिया गया है। बता दें कि बीते रविवार को UP-TET की परीक्षा होनी थी लेकिन पहली पाली की परीक्षा होने से पहले ही पेपर लोगों के व्हाट्सएप पर आ गया। इसी के चलते सरकार ने परीक्षा रद्द कर दी थी।
एसटीएफ की अलग-अलग टीमें उन 20 लोगों की भी तलाश कर रही है जिनके नाम रविवार को हुई गिरफ्तारी में सामने में आए थे। 20 वांछित अभियुक्तों में 11 सॉल्वर हैं। सूत्रों के अनुसार अयोध्या से गिरफ्तार संदीप, रमेश और महेश के मुताबिक आधा दर्जन लोगों से संपर्क कर पैसे लेकर सॉल्वर की व्यवस्था की गई थी।
यूपी टेट पेपर लीक केस में पुलिस ने 27 लोगों को गिरफ्तार किया है। प्रयागराज से सबसे ज्यादा 16 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। इसके अलावा, कौशांबी से 1, शामली से 3, अयोध्या से 3 और लखनऊ से 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, यूपी सरकार ने 26 दिसंबर UP TET परीक्षा कराने का निर्णय ले सकती है। बता दें कि इसमें होने वाले खर्च का वहन राज्य सरकार करेगी और अभ्यर्थी को दोबारा फॉर्म नहीं भरना पड़ेगा। वहीं, प्रवेश पत्र के आधार पर अभ्यर्थियों को सरकारी बसों में निशुल्क अपने गंतव्य तक जाने का अवसर मिलेगा।
प्रयागराज से सबसे ज्यादा 18 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। इसके अलावा, कौशांबी से 1, शामली से 3, अयोध्या से 3 और लखनऊ से 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. बता दें कि पुलिस की ओर से प्रयागराज, लखनऊ और मेरठ में छापेमारी का दौर लगातार जारी है।
UP-TET 2021 की परीक्षा रद्द होने के बाद योगी सरकार विपक्ष के जमकर हमला बोला। आप सांसद संजय सिंह ने लिखा- उत्तर प्रदेश के नौजवानों देखो आपके भविष्य के साथ कैसे खिलवाड़ किया जा रहा है। आदित्यनाथ जी जिन्ना का पेपर ‘हल’ करने में व्यस्त हैं,इस बीच लाखों छात्रों के रोज़गार से जुड़ी TET की परीक्षा का पेपर लीक हो गया।