हर दिन जो कमाई होती है, उससे घर का ठीक से गुजारा भी नहीं हो पाता लेकिन तंगी के बावजूद भी गोविंद कड़ी मेहनत करते हैं, ताकि उनके बच्चे पढ़-लिख सकें। बेटी UPSC की परीक्षा में 93वीं रैंक लाई है, उन्हें इसका मतलब भी नहीं पता। बस खुश हैं कि बेटी अफसर बन गई।