19 जून, सोमवार को आर्द्रा नक्षत्र होने से कालदंड और इसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र होने से धूम्र नाम के 2 अशुभ योग बनेंगे। इनके अलावा इस दिन वृद्धि और ध्रुव नाम 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल सुबह 7:26 से 9:06 तक रहेगा।
17 जून, शनिवार को पहले रोहिणी नक्षत्र होने से श्रीवत्स नाम का शुभ योग और इसके बाद मृगशिरा नक्षत्र होने से वज्र नाम का अशुभ योग बनेगा। इनके अलावा इस दिन अमृतसिद्धि, सर्वार्थसिद्धि, शूल और गण्ड नाम के 4 अन्य योग भी रहेंगे।
Halharini Amavasya 2023: आषाढ़ मास की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते हैं। इसका विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस दिन पितरों की शांति के लिए पूजा-पाठ, श्राद्ध आदि कर्म किए जाते हैं। इस दिन हल की पूजा का महत्व है।
Ashadh Gupt Navratri 2023 Date: नवरात्रि हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। नवरात्रि का पर्व साल में 1 या 2 बार नहीं बल्कि 4 बार मनाया जाता है। इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि जून 2023 में मनाई जाएगी।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, एक साल में चार नवरात्रि पर्व मनाए जाते हैं, इनमें से 2 प्रकट नवरात्रि होती है और 2 गुप्त। इनमें से एक गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2022) आषाढ़ मास में आती है जो शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तिथि तक मनाई जाती है।
हर महीने में एक बार अमावस्या तिथि आती है। हिंदू धर्म में इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस तिथि पर स्नान, दान और पितरों की पूजा का विशेष महत्व है। इस बार आषाढ़ मास में 2 अमावस्या (Ashadh Amavasya 2022) का योग बन रहा है।
हिंदू धर्म में कुछ तिथियां बहुत ही खास मानी गई हैं, अमावस्या भी इनमें से एक है। इस तिथि के स्वामी स्वयं पितृ देव है, यही कारण है कि इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि उपाय किए जाते हैं।
आषाढ़ मास (Ashadh 2022) हिंदू पंचांग का चौथा महीना है। इस बार इसकी शुरूआत 15 जून, बुधवार से हो चुकी है, जो 13 जुलाई तक रहेगा। धार्मिक दृष्टि से ये महीना बहुत ही खास माना जाता है।
हिंदू पंचांग का चौथा महीना आषाढ़ (Ashadh month 2022)15 जून से शुरू हो चुका है, 13 जुलाई तक रहेगा। इसी दिन सूर्य का राशि परिवर्तन भी हुआ है। ऐसा संयोग 19 साल बाद बना है जब सूर्य और चंद्र मास एक साथ आरंभ हुए हों।
पंचांग के अनुसार, हिंदी कैलेंडर का चौथा महीना आषाढ़ (Ashadha Month 2022 Vrat Tyohar) होता है। ये महीना धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत ही खास माना जाता है। इसी महीने में वर्षा ऋतु का आरंभ भी होता है।