पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत ने पाकिस्तान के उस वक्त के पीएम नवाज शरीफ से मुलाकात की थी। उन्होंने सबूत देकर बताया था कि उरी में हुए आतंकी हमले के पीछे ISI का हाथ है।