वर्ष 2012 में पार्टी ने कमलरानी वरुण रसूलाबाद (कानपुर देहात) से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा लेकिन वह जीत नहीं सकी। 2015 में पति की मृत्यु के बाद 2017 में वह घाटमपुर सीट से बीजेपी की पहली विधायक चुनकर विधानसभा में पहुंची थीं।