केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas 2023) के मौके पर कांग्रेस की विचारधारा और थॉट प्रोसेस पर बड़ा सवाल उठाया है।
पाकिस्तान सैनिकों की घुसपैठ को नाकाम करते हुए भारतीय सेना ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए 26 जुलाई, 1999 को उसे खदेड़ दिया था। इस युद्ध को 'कारगिल युद्ध' के नाम से जाना जाता है। कारगिल युद्ध 3 मई, 1999 से शुरू हुआ था और 26 जुलाई, 1999 तक चला था।
हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) मनाया जाता है। भारतीय सेना के पराक्रम से यह दिन इतिहास में अमर हो गया है।
पाकिस्तानी घुसपैठियों ने चोरी छुपे जिस जगह पर घुसपैठ किया था, उस जगह को भारत के वीर सपूत कैप्टन मनोज पांडे ने अपनी जान की परवाह ना कर घुसपैठियों के कब्जे से मुक्त कराया। अमर सपूत कैप्टन मनोज पांडेय ने अपना बलिदान देकर ना सिर्फ मातृभूमि की रक्षा की, बल्कि करोड़ों देशवासियों के लिए नजीर भी कायम की।
कारगिल का युद्ध पाकिस्तान से हुए बाकी तीन लड़ाईयों से बिल्कुल अलग था। इसमें घुसपैठ के जरिए भारतीय इलाकों को कब्जा करने का मंसूबा था। हालांकि पाकिस्तान इसमें सफल नहीं हो सका और भारत के सामने उसे हार का सामना करना पड़ा था।
पिता और फैमिली के कहने पर ही प्रीतम ने UPSC की तैयारी शुरू की। बेटे की सफलता पर पूरा परिवार और गांव खुश है। घर के बाहर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। लोग मिठाई खिलाकर खुशियां बांट रहे हैं।
कारगिल युद्ध (Kargil war) के हीरो सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव (Yogendra Singh Yadav) को उनकी अनुकरणीय सेवा और भारतीय सेना में योगदान के लिए 75 वें स्वतंत्रता दिवस (75th Independence day) की पूर्व संध्या पर कैप्टन रैंक की उपाधि से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। दौरे को देखते हुए घाटी में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
भारतीय वायु सेना दिवस 8 अक्टूबर को देश भर में मनाया जाता है। भारतीय वायु सेना की वीर गाथा में बहुत से ऐसे योद्धा रहे हैं जिन्होंने देश के लिए अपनी जिंदगी भी कुर्बान कर दी है। इतना ही नहीं पाकिस्तान के खिलाफ हुए कारगिल युद्ध में अपनी वीरता और कौशल से देश की रक्षा भी की है। भारत के इतिहास में दर्ज कारगिल युद्ध की छीटें हमेशा दुखदायी होती हैं। सैकड़ों जवानों को हमने खो दिया था। लेकिन इस युद्ध में एक वायुसेना अफसर ने अपने दिमागी कौशल और जुगाड़ से पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए थे।
दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में कारगिल विजय दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे।