रत्न शास्त्र में शनि के लिए नीलम, राहू के लिए गोमेद और केतु के लिए लहसुनिया पहनने की सलाह दी जाती है। शनि, राहु और केतु तीनों ग्रह खराब हों तो तीन रत्न पहनने की जगह एक ही रत्न पहनाया जाता है, जिससे तीनों ग्रहों की पीड़ा से एक साथ मुक्ति मिल जाती है। वह रत्न है लाजवर्त।