COVID 19 UPDATE:देश-दुनिया में कोरोना वायरस के केस बढ़ रहे हैं। हालांकि भारत में यह स्पीड फिलहाल कम है। बीते दिन कोरोना संक्रमण(corona virus)के 2500 से अधिक नए मामले मिले हैं। दो दिन पहले भी यह आंकड़ा करीब यही था। इस बीच वैक्सीनेशन का आंकड़ा 187.71 करोड़ को पार कर चुका है। इस समय एक्टिव केस 0.04% हैं।
वैक्सीन लगाने की सबसे बेहतर जगह मांसपेशियां यानी मसल्स हैं, क्योंकि उनमें महत्वपूर्ण इम्युन सेल्स होते हैं। ये इम्युन सेल्स एंटीजन को पहचानती हैं, जो एक वायरस या बैक्टीरिया का छोटा सा टुकड़ा है जिसे वैक्सीन द्वारा रिस्पान्स के लिए भेजा जाता है।
कोरोनावायरस (Covid-19) महामारी का कहर बढ़ता ही जा रहा है। देश में लगातार इसके मामले बढ़ रहे हैं और इससे होने वाली मौतों की संख्या भी बढ़ी है। इससे बचाव का एक ही तरीका है वैक्सीनेशन। कोरोना के वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank of India) ने एक खास स्कीम की शुरुआत की है।
दुनिया में कोरोना वायरस फैलाने का दोषी चीन को माना जाता है। भारत से चीन के रिश्ते ठीक नहीं हैं। बावजूद चीन को यह मानना पड़ा है कि भारत में निर्मित कोरोना वायरस वैक्सीन चीन के प्रॉडक्ट के मुकाबले बेहतर हैं। ग्लोबल टाइम्स ने इस आशय का एक लेख छापा है। इस लेख में चीनी विशेषज्ञों ने एकमत से कहा कि भारत में बनी वैक्सीन न सिर्फ क्वालिटी में बेहतर है, बल्कि उसकी कीमत भी कमी है।
ब्रिटेन में कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। इस बीच अमेरिका बायोटेक कंपनी मॉडर्ना ने दावा किया है कि उनकी वैक्सीन कोरोना के नए स्ट्रेन पर भी काम करेगी। कंपनी का कहना है कि उन्हें पहले से ही आशंका था कि कोरोना का नया स्ट्रेन आ सकता है , इसलिए पहले से ही वैक्सीन को उसी के हिसाब से तैयार किया गया था।
कोरोना महामारी के बाद वैक्सीन लगाने का काम शुरू हो चुका है। उत्तरी इंग्लैंड में रहने वाले हरि शुक्ला और उनकी पत्नी रंजन वैक्सीन लेने वाले भारतीय मूल के पहले कपल बन गए हैं। 87 साल के हरि शुक्ला और उनकी पत्नी रंजन ने न्यूकैसल में रॉयल विक्टोरिया इन्फर्मरी में वैक्सीन ली।
पूरी दुनिया कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहा है। ऐसे में दुनियाभर के तमाम देश कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में जुटे हैं। इसी बीच अमेरिका की कंपनी मॉडर्ना ने कोरोना वैक्सीन बनाने का दावा किया है। कंपनी ने दावा किया है कि उसकी कोरोना वैक्सीन 94.5 फीसदी असरदार है।
ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक कोरोना को रोकने के लिए नए प्रयोग कर रहे हैं। वैज्ञानिक अब फ्लू की वैक्सीन से कोरोना को मात देने की तैयारी में जुटे हैं। विक्टोरिया राज्य में इंसानों पर इसका ट्रायल शुरू हो चुका है। वैक्सीन का नाम NVX-CoV2373 है और इसे अमेरिकी कम्पनी नोवावैक्स ने बनाया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक कैंसर प्रोग्राम के डायरेक्टर रह चुके प्रोफेसर करोल सिकोरा ने कोरोना वायरस को लेकर बड़ा दावा किया है। सिकोरा ने कहा है कि कोरोना वायरस के खिलाफ दुनियाभर में जारी जंग वैक्सीन के बनाए जाने से पहले ही खत्म हो सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस वैक्सीन के विकास से पहले ही अपने आप खत्म हो सकता है।
दुनिया भर के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गए कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए भारत में इसका वैक्सीन बनाने का काम तेजी से शुरू हो गया है। देश की करीब आधा दर्जन कंपनियां इसके लिए काम में लग गई हैं। वैक्सीन विकसित करने का यह काम अमेरिका और भारत एक साथ मिल कर करने जा रहे हैं।