यूपी के सुल्तानपुर से गुरु शिष्य के रिश्ते को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक शिक्षक ने कक्षा 4 की छात्रा के साथ क्लास में ही छेड़छाड़ की। आरोपी ने 500 रुपए का लालच देकर इस वारदात को अंजाम दिया।
उपेंद्र ने अपनी याचिका में भारतीय जनता पार्टी, आरएसएस,ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, गुरुद्वारा बंगला साहिब, इस्कॉन समिति, बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया, नेशनल क्रिश्चिएन काउंसिल को भी पार्टी बनाया था।
यूपी के जिले बिजनौर में नंबर बढ़ाने का झांसा देकर एक शिक्षक ने अपनी छात्रा के साथ शर्मसार हरकत की। उनके द्वारा की गई हरकत से हर कोई हैरान है। पुलिस ने छात्रा के बयान के आधार पर आरोपी टीचर को परिजनों की शिकायत के बाद गिरफ्तार कर लिया है।
बुलंदशहर जिले के नामचीन दिल्ली पब्लिक स्कूल में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ करने वाले हिंदी के शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है। बुधवार को छात्राओं ने आरोप लगाते हुए कहा था कि शिक्षक क्लासरूम में गाल और पीठ पर हाथ फेरता था।
जीवन एक संघर्ष की तरह है। यहां एक परेशानी खत्म होती है और दूसरी शुरू हो जाती है। जिसके पास अपार धन-संपदा है उसे भी किसी बात का दुख जरूर होता है। वहीं आम आदमी तो रोज किसी न किसी समस्या का अनुभव करता ही है। ये रोज की बात है।
लोगों की अक्सर यही शिकायत रहती है उनके जीवन में बहुत सारी परेशानियां और दुख हैं। इस बात का रोना वो सभी के सामने रोते रहते हैं और खुद को पीड़ित बताते हैं। जबकि उन लोगों के पास दुखी होने से ज्यादा खुश होने के कारण भी होते है।
जीवन अनिश्चिताओं से भरा है। कई बार स्थितियां बहुत विकट बन जाती है तो कभी सहज। अक्सर लोग विकट परिस्थितियों से घबराकर भागने की कोशिश करते हैं या फिर कोई गलत निर्णय ले लेते हैं। जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए।
कुछ लोगों की आदत होती है कि वे दूसरे लोगों और चीजों को बेकार समझते हैं और उनकी उपेक्षा करते रहते हैं। जबकि सच्चाई इससे उलट भी होती है। जो लोग किसी काम के नहीं लगते, वे अवसर आने पर बहुत काम के निकलते हैं।
कुछ लोगों की आदत होती है कि वे अच्छाई में भी बुराई खोज लेते हैं। उनका ध्यान लोगों की अच्छाइयों से ज्यादा उनकी बुराइयों पर जाता है। जब कोई व्यक्ति अच्छा काम कर रहा होता है तो भी ऐसे लोग उसमें खराबी ढूंढ लेते हैं।
जीवन की इस आपा-धापी में हर कोई आगे निकलता चाहता है। चाहे इसके लिए उसे कुछ भी क्यों न करना पड़े। सभी लोग अपने व्यक्तिगत स्वार्थ पूरे करने में लगे हैं। अपने आस-पास रहने वाले लोगों के बारे में कोई सोच ही नहीं रहा है।