ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनेक शाखाएं हैं। रत्न शास्त्र भी इनमें से एक है। जब भी कोई ग्रह हमारे जीवन पर अशुभ फल डालने लगता है या कोई ग्रह कुंडली में प्रतिकूल स्थान पर होता है तो उससे संबंधित शुभ फल पाने के लिए ज्योतिषी रत्न पहनने का सलाह देते हैं।
लाल किताब के अनुसार, रत्न पहनने से ग्रहों से संबंधित शुभ फल मिलने लगते हैं। अगर रत्न पहनने में कुछ गलतियां हो जाएं तो हमें इसके अशुभ फल भी भुगतने पड़ते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में राहु को छाया ग्रह माना गया है। यह जिस भाव, राशि, नक्षत्र या ग्रह के साथ जुड़ जाता है, उसके अनुसार ही फल देने लगता है।