Jawara Visarjan 2024: इस बार चैत्र नवरात्रि का पर्व 9 अप्रैल, मंगलवार से शुरू हो चुका है। 17 अप्रैल को इसका समापन होगा। नवरात्रि के अगले दिन यानी दशमी तिथि को जवारे विसर्जन किए जाते हैं।
Dussehra 2023 Shubh Muhurat: धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्रीराम ने आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर रावण का वध किया था। तभी से इस तिथि पर विजयादशमी यानी दशहरा पर्व मनाने की परंपरा चली आ रही है। इस बार ये पर्व 24 अक्टूबर, मंगलवार को है।
Jawara Visarjan Navratri 2023: 23 अक्टूबर, सोमवार को शारदीय नवरात्रि का अंतिम दिन है। इसके अगले दिन यानी 24 अक्टूबर, मंगलवार को दशहरा उत्सव मनाया जाएगा। इस दिन जवारे विसर्जन भी किए जाएंगे।
Jawara Visarjan 2023: नवरात्रि के दौरान कई परंपराएं निभाई जाती है, जवारे बोना भी इनमें से एक है। ये जवारे नवरात्रि के पहले दिन बोए जाते हैं और दशमी तिथि पर इनका विसर्जन कर दिया जाता है। इस बार ये तिथि 31 मार्च को है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से नवमी तक नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) के पहले दिन मिट्टी के छोटे-छोटे बर्तनों में जवारे बोए जाते हैं।
इस बार 15 अक्टूबर, शुक्रवार को दशहरा पर्व (Dussehra 2021) मनाया जाएगा। दशहरा सर्वसिद्धिदायक तिथि मानी जाती है। इसलिए इस दिन सभी शुभ कार्य फलकारी माने जाते हैं। इस दिन शस्त्र पूजा और देवी प्रतिमा व जवारे विसर्जन किए जाते हैं।
नवरात्रि से जुड़ी अनेक परंपराएं है। उन्हीं में से एक है जवारे बोने की। नवरात्रि के पहले दिन मिट्टी के एक पात्र में जवारे के बीज बोए जाते हैं।
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि वासंतीय नवरात्रि का अंतिम दिन होता है।
नवरात्रि से जुड़ी अनेक परंपराएं है। उन्हीं में से एक है जवारे बोने की। नवरात्रि के पहले दिन मिट्टी के एक पात्र में जवारे के बीज बोए जाते हैं। नौ दिन में ये जवारे हरी पत्तियों के रूप में बदल जाते हैं।
इन दिनों शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2021) की पर्व चल रहा है। जैसे हर त्योहार से कोई न कोई परंपरा अवश्य जुड़ी होती है, उसी तरह नवरात्रि से भी कई पंरपराएं जुड़ी हैं। इन्हीं परंपराओं में से एक है नवरात्रि में जवारे बोना।