21 अक्टूबर, शनिवार को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र पूरे दिन रहेगा, जिससे मातंग नाम का शुभ योग बनेगा। इसके अलावा इस दिन सुकर्मा नाम का एक अन्य शुभ योग भी रहेंगे। इस दिन राहुकाल सुबह 09:20 से 10:46 तक रहेगा।
Navratri 2023 Goddess Kalratri: शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है। देवी काल का भी नाश करने में सक्षम है, इसलिए इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। इस बार 21 अक्टूबर, शनिवार को इनकी पूजा की जाएगी।
chaitra navratri 2023: 28 मार्च, मंगलवार को चैत्र नवरात्रि की सप्तमी तिथि है। इस दिन देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है। देवी का ये रूप अत्यंत भयंकर है, जिसे देखकर दैत्य भी कांपने लगते हैं। इनकी पूजा से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
28 मार्च, मंगलवार को पहले मृगशिरा नक्षत्र होने से राक्षस नाम का अशुभ योग और इसके बाद आर्द्रा नक्षत्र होने से चर नाम का शुभ योग बनेगा। इनके अलावा इस दिन सर्वार्थसिद्धि, अमृत सिद्धि, द्विपुष्कर, सौभाग्य और शोभन नाम के 5 अन्य योग भी रहेंगे।
महाशक्ति मां दुर्गा का सातवां स्वरूप है कालरात्रि (Goddess Kalaratri)। मां कालरात्रि काल का नाश करने वाली हैं, इसी वजह से इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। नवरात्रि (Shardiya Navratri 2021) के सातवें दिन (12 अक्टूबर, मंगलवार) मां कालरात्रि की पूजा की जाती है।
महाशक्ति मां दुर्गा का सातवां स्वरूप है कालरात्रि। मां कालरात्रि काल का नाश करने वाली हैं, इसी वजह से इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। नवरात्रि की सप्तमी तिथि (23 अक्टूबर) को मां कालरात्रि की पूजा की जाती है।
महाशक्ति मां दुर्गा का सातवां स्वरूप है कालरात्रि। मां कालरात्रि काल का नाश करने वाली हैं, इसी वजह से इन्हें कालरात्रि कहा जाता है।
Aaj Ka Panchang: 2 अक्टूबर, रविवार को मूल नक्षत्र होने से सिद्धि नाम का शुभ योग दिन भर रहेगा। इसके अलावा सौभाग्य और शोभन योग नाम के 2 शुभ योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल शाम 04:41 से 06:09 तक रहेगा।
Sharadiya Navratri 2022: शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है। देवी काल का भी नाश करने में सक्षम है, इसलिए इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। इस बार 2 अक्टूबर, रविवार को इनकी पूजा की जाएगी।
चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) के सातवें दिन देवी कालरात्रि (Goddess Kalratri) की पूजा करने का विधान है। ये मां दुर्गा का सातवां स्वरूप है। ये देवी काल का नाश करने वाली हैं, इसलिए इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। इस बार 8 अप्रैल, शुक्रवार को इनकी पूजा की जाएगी।