17 अक्टूबर, मंगलवार को विशाखा नक्षत्र पूरे दिन रहेगा, जिससे श्रीवत्स नाम का शुभ योग बनेगा। इसके अलावा इस दिन प्रीति और आयुष्मान नाम के 2 अन्य शुभ योग भी रहेंगे। इस दिन राहुकाल दोपहर 03:04 से शाम 04:30 तक रहेगा।
Navratri 2023 Devi Chandraghanta: नवरात्रि में तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा का विधान है। इस बार 17 अक्टूबर, मंगलवार को देवी के इस रूप की पूजा की जाएगी। ये देवी का सौम्य स्वरूप है। जानें देवी चंद्रघंटा की पूजा विधि, आरती और मंत्र…
Chaitra Navratri 2023: देवी दुर्गा का तीसरा रूप माता चंद्रघंटा का है। चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन इनकी पूजा की जाती है। इनके मस्तक पर अर्धचंद्र स्थित है, इसलिए इनका नाम चंद्रघंटा रखा गया है। इनका एक नाम शिवदूती भी है।
नवरात्रि (Shardiya Navratri 2021) के तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा (Goddess Chandraghanta) स्वरूप की पूजा की जाती है। इस बार ये तिथि 9 अक्टूबर, शनिवार को है। मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित है। इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है।
शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन (19 अक्टूबर) माता चंद्रघंटा को समर्पित है। यह शक्ति माता का शिवदूती स्वरूप है। इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है।
शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन (1 अक्टूबर) माता चंद्रघंटा को समर्पित है। यह शक्ति माता का शिवदूती स्वरूप है। इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है।
Navratri 2022: नवरात्रि के तीसरे दिन देवी दुर्गा के चंद्रघंटा रूप की पूजा जाती है। देवी का यह रूप अत्यंत मनमोहक है। देवी चंद्रघंटा की पूजा से हर तरह के सुख हमें प्राप्त होते हैं। इनका एक नाम शिवदूती भी प्रसिद्ध है।
Aaj Ka Panchang: 28 सितंबर, बुधवार को स्वाति नक्षत्र पूरे दिन रहेगा। बुधवार और स्वाति नक्षत्र के योग से धूम्र नाम का अशुभ योग इस दिन बनेगा। इसके अलावा इस दिन वैधृति और विषकुंभ नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे।
चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) में रोज देवी के एक नए स्वरूप की पूजा की जाती है। इसी क्रम में तीसरे दिन यानी तृतीया तिथि पर मां दुर्गा के चंद्रघंटा (Goddess Chandraghanta) रूप की पूजा करने का विधान है। इस बार ये तिथि 4 अप्रैल, सोमवार को है।