Jaya Parvati Vrat 2023: आषाढ़ मास में जया पार्वती व्रत किया जाता है। कुछ ग्रंथों में इसे विजया पार्वती व्रत भी कहा गया है। इस बार ये व्रत 1 जुलाइ, शनिवार को किया जाएगा। इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, जिसके चलते ये व्रत और भी खास हो गया है।
Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा तो होती ही है, साथ ही अगर देवी पार्वती की पूजा भी विशेष रूप से की जाए तो वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है और परेशानियां दूर होती हैं।
Hartalika Teej 2022 Katha: हरतालिका तीज महिलाओं के प्रिय त्योहारों में से एक है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं यानी दिन भर कुछ भी खाती-पीती नहीं है, लेकिन इसके बाद भी उन्हें इस व्रत का बहुत ही बेसब्री से इंतजार रहता है।
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2022) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 1 मार्च, मंगलवार को है। इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। साथ ही अगर देवी पार्वतती की पूजा भी इस दिन की जाए तो और भी शुभ फल मिल सकते हैं।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी (Dwijapriya Sankashti Chaturthi) कहते हैं। इस बार ये तिथि 20 फरवरी, रविवार को है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार माघ मास की गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2022) में आने वाली तृतीया तिथि पूजा-पाठ और दान के लिए बहुत शुभ होती है। गुप्त नवरात्रि में आने वाली इस तिथि की खासियत भी धर्म ग्रंथों में बताई गई है।
उज्जैन (Ujjain) को मध्य प्रदेश (Madhay Pradesh) की धार्मिक राजधानी कहा जाता है। यहां कई ऐसे मंदिर हैं जो अपने अंदर रहस्यों को समेटे हुए हैं। यहां 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकाल है तो सिद्धपीठ हरसिद्धि भी है। यहां सप्तसागर हैं तो नव नारायण के मंदिर भी हैं।
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को विजया पार्वती व्रत किया जाता है। इसे मंगला तेरस भी कहते हैं। इस बार ये व्रत 22 जुलाई, गुरुवार को है।
भाद्रपद मास के तीसरे दिन यानी भाद्रपद कृष्ण तृतीया तिथि (इस बार 6 अगस्त, शुक्रवार) विशेष फलदायी होती है, क्योंकि यह तिथि माता पार्वती को समर्पित है।
16 दिनों तक चलने वाले श्राद्ध पक्ष में लोग अपने घरों में तो पूजा आदि करते ही हैं, साथ ही पवित्र तीर्थों पर भी अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान करते हैं।