नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी CAA 11 मार्च से पूरे देश में लागू हो चुका है। केंद्र सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके तहत अब पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के 6 अल्पसंख्यक समुदाय को भारत की नागरिकता मिल सकेगी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पश्चिम बंगाल में कहा कि कोविड महामारी (Covid pandemic) खत्म होने के बाद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू किया जाएगा।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) 2019 में संसद से पारित हो चुका है, इसके बाद भी यह देश में लागू नहीं हो पाया है। इसके तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ित अल्पसंख्यक हिंदू, जैन, सिख, पारसी और ईसाइयों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।
नागरिकता कानून को लेकर देशभर में विरोध जताया जा रहा है। कोई इस कानून के सपोर्ट में अपनी राय रख रहा है तो को विरोध जता रहा है। दिल्ली के जामिया में काफी हिंसा भी हुई थी। इसके साथ ही शाहीन बाग में पिछले ढाई महीने से महिलाएं विरोध प्रकट कर रही हैं और आंदोलन पर बैठी हैं।
मध्य प्रदेश में मंदसौर जिले की सुवासरा सीट से विधायक हरदीप सिंह डांग ने CAA का समर्थन करते हुए कहा कि इसे और NRC को अलग-अलग देखने की जरुरत है।
कांग्रेस नेता राहुल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सपा का प्रदर्शन सम्भल में काफी उग्र हो गया। सम्भल के सदर इलाके में उन्मादी भीड़ ने तीन बसों में आग लगा दी। चौधरी सराय पुलिस चौकी के सामने पहुंची भीड़ ने चौकी में पथराव कर दिया। पुलिसकर्मियों ने भागकर अपनी जान बचाई। पुलिस की गाडिय़ों में भी तोडफ़ोड़ की गई।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देशभर में प्रदर्शन जारी हैं। मंगलवार को सीलमपुर इलाके में विरोध के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव की स्थिति बनी।
हिंसा को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, मगर वह बेअसर रहा। अंत में शाम लगभग पौने सात बजे जिलाधिकारी ने नगर कोतवाली और थाना दक्षिणटोला क्षेत्र में कर्फ्यू लगाने की घोषणा कर दी।
नागरिकता संशोधन अधिनियम को कई राज्य सरकारों द्वारा लागू करने से मना करने के बाद महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री नितिन राउत ने शुक्रवार को कहा कि उनके राज्य में भी इस कानून के लागू होने का सवाल ही नहीं है