डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि यह आलोचना, पश्चिमी मीडिया के दोहरे मानदंडों और लोकतंत्र पर उनके एकाधिकार को उजागर किया है।
हाल ही में चीन के दौरे से लौटे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की आंखों पर चीनी चश्मा चढ़ गया है। उन्हें चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों पर चीन द्वारा किया जा रहा अत्याचार नहीं दिख रहा है।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के पीक के दौरान लेकर पश्चिमी मीडिया के एक वर्ग द्वारा की गई कवरेज की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं। IIMC के एक सर्वे में सामने आया है कि कवरेज के दौरान पश्चिमी मीडिया की भूमिका पक्षपाती थी।
सर्वेक्षण के दौरान एक रोचक तथ्य यह भी सामने आया कि लगभग 63 प्रतिशत लोगों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब करने वाली पश्चिमी मीडिया की नकारात्मक खबरों को सोशल मीडिया पर फॉरवर्ड नहीं किया।