25 अक्टूबर, बुधवार को शतभिषा नक्षत्र दोपहर 01:30 तक रहेगा, इसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। बुधवार को पहले शतभिषा नक्षत्र होने से मानस और इसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र होने से पद्म नाम के 2 शुभ योग बनेंगे।
Papankusha Ekadashi 2023 Kab Hai: आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि बहुत खास होती है। इसे पापांकुशा एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत किया जाता है। जानें पापांकुशा एकादशी की डेट और पूरी डिटेल?
Papankusha Ekadashi 2022 Puja Vidhi: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की एकादशी पर व्रत-पूजा की जाती है। इस तरह साल में 24 एकादशी आती है। इन सभी का नाम और महत्व अलग-अलग है।
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पापांकुशा एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 16 अक्टूबर, शनिवार को है। इस एकादशी पर भगवान पद्मनाभ की पूजा की जाती है।
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। हर माह में दो एकादशी का व्रत रखा जाता है। एकदशी व्रत में भगवान विष्णु की विशेष आराधना और पूजा पाठ किया जाता है। इस बार 16 अक्टूबर, शनिवार को अश्विन माह की पापाकुंशा एकादशी (Papankusha Ekadashi 2021) का व्रत रखा जाएगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पापांकुशा एकादशी कहते हैं। इस एकादशी पर मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस बार यह एकादशी 27 अक्टूबर को है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पापांकुशा एकादशी कहते हैं। इस एकादशी पर मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
6 अक्टूबर, गुरुवार को धनिष्ठा नक्षत्र होने से श्रीवत्स नाम का शुभ योग दिन भर रहेगा। इसके अलावा शूल और गंड नाम के योग भी इस दिन बन रहे हैं। राहुकाल दोपहर 01:42 से 03:10 तक रहेगा।