यूं तो अपनी बेटी की शादी होने पर लोग खुश होते हैं। लेकिन एक बेटी द्वारा शादी की खबर अपने माता पिता को देते ही वे नाराज हो गए और उन्होंने मातम मनाना शुरू कर दिया।
Matri Navmi Date 2023: हर साल आश्विन मास में श्राद्ध पक्ष आता है। इन 16 दिनों में पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान-तर्पण आदि किए जाते हैं। उत्तर प्रदेश में एक स्थान ऐसा भी है, जहां महिलाओं द्वारा पिंडदान किया जाता है।
Pitru Paksha 2023 in gaya: 29 सितंबर यानी आज से पितृपक्ष शुरू हो रहा है। बहुत सारे लोग गया में पिंडदान करने के लिए जाएंगे। तो चलिए हम आपको इस मौके पर गया के तीन मिठाई के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका स्वाद वहां जाए तो जरूर चखें।
Kushgrahani Amavasya 2023: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को बहुत ही खास गया है। इसके स्वामी पितृ देवता हैं, इसलिए इस तिथि पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि किया जाता है। इस बार भाद्रपद मास की अमावस्या 2 दिन रहेगी।
सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव को लेकर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि वह अपने पिता मुलायम सिंह यादव के अंतिम क्रिया कर्म को नहीं करेंगे। Asianetnews Hindi ने जब इस पोस्ट की पड़ताल की तो यह पूरी तरह से एडिटेड और भ्रामक निकला।
Shraddh Paksha 2022: पिंडदान अथवा तर्पण के लिए बिहार के गया जी को सबसे अच्छी जगह बताया गया है। मगर अब देश में कई और पवित्र स्थान हैं जहां पिंडदान और तर्पण किया जा रहा है। श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान का कार्य भाद्रपद महीने पूर्णिमा से ही शुरू हो जाते हैं।
Shraddh Paksha 2022: धर्म ग्रंथों के अनुसार, आश्विन मास का कृष्ण पक्ष श्राद्ध के लिए प्रसिद्ध है। इन 15 दिनों में प्रतिदिन लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान, तर्पण आदि करते हैं। इस बार श्राद्ध पक्ष 25 सितंबर, रविवार तक हैं।
झारखंड के हजारीबाग में सोमवार को दर्दनाक हादसा हुआ है। जिसमें चालक, खलासी सहित तीन लोगों की मौत हो गई है। वहीं 8 लोगों को गंभीर हालात में भर्ती कराया गया है। घटना के समय बस में 50 यात्री सवार बताए जा रहे थे। पीड़ित श्राद्ध के लिए गया जा रहे थे।
पितरों की आत्मा की शांति के लिए हमारे देश में कई प्रमुख स्थानों पर श्राद्ध, तर्पण आदि किया जाता है। श्राद्ध पक्ष (Shradh Paksha 2021) में तो ऐसे स्थानों पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है। पितरों के तर्पण के लिए प्रसिद्ध स्थान है उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का प्रयाग (Prayag)।
गरुड़ पुराण (Garuda Purana) हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से एक है। आमतौर पर गरुड़ पुराण का पाठ किसी की मृत्यु होने के बाद किया जाता है। इस ग्रंथ में जीवन को बेहतर तरीके से जीने की तमाम नीतियों के बारे में भी बताया गया है।