Sawan 2023: शिवजी की पूजा में कई चीजें विशेष रूप से चढ़ाई जाती हैं, इनमें बिल्व पत्र भी एक है। इसे बेलपत्र भी कहते हैं। कहते हैं बिना बिल्व पत्र के शिवजी की पूजा अधूरी है। बिल्व पत्र से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं भी प्रचलित हैं।
महादेव की पूजा में बिल्व पत्र (बेलपत्र) सबसे ज्यादा महत्व रखता है। मान्यता है कि भगवान शंकर को बिल्व पत्र अधिक प्रिय है। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होकर अपने भक्तों को मनचाहा वरदान देते हैं।
सावन मास में भगवान शिव की पूजा का महत्व है और ये पूजा अगर बिल्व पत्रों से की जाए तो महादेव बहुत प्रसन्न होते हैं।
हिंदू धर्म में रोज सुबह सूर्यदेव को अर्घ्य देने और उनकी पूजा करने का विधान है। भविष्य पुराण में सूर्यदेव को प्रसन्न करने के अनेक उपाय बताए गए हैं।
बिल्व का पेड़ साक्षात भगवान शिव का ही स्वरूप माना गया है। बिल्व वृक्ष पर जल चढ़ाने से आने वाली हर मुसीबत दूर हो सकती है। बिल्व-वृक्ष के मूल यानी जड़ में शिव लिंग स्वरूपी भगवान शिव का वास होता है। इसलिए इस वृक्ष की जड़ को सींचा जाता है।