Shivji Ki Puja Mai Teen Baar Taali Kyo Bajate Hai: इन दिनों भगवान शिव की भक्ति का महीना सावन चल रहा है। इन दिनों में भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। भगवान शिव की पूजा करते समय कई नियमों और परंपराओं का पालन किया जाता है।
देशभर में कल के दिन महाशिवरात्रि का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाना है भक्तों की भीड़ शिव मंदिर में बाबा का आशीर्वाद लेने के लिए लगने वाली है। इसी कड़ी में जानिए राजस्थान स्थित अनोखे शिव मंदिर के बारे में जहां भगवान के अंगूठे की पूजा होती है।
आज (8 अगस्त, सोमवार) श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि (Putrada Ekadashi 2022) है। इस दिन पुत्रदा एकादशी का व्रत किया जाएगा। साथ ही इस दिन सावन का अंतिम सोमवार (Last Monday of Sawan 2022) भी है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को देवी धूमावती की जयंती मनाई जाती है। इस बार ये तिथि 7 जून, मंगलवार को है (पंचांग भेद के कारण कुछ स्थानों पर 8 जून को भी ये पर्व मनाया जाएगा)।
प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) ने शिवरात्रि पर अमेरिका स्थित अपने घर में पति निक जोनास (Nick Jonas) के साथ मिलकर भगवान शिव की पूजा की। इसकी कुछ तस्वीरें उन्होंने इंस्टाग्राम स्टोरी पर शेयर की हैं।
हिंदू धर्म में प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों में आने वाली त्रयोदशी तिथि को बहुत ही खास माना जाता है। इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत किया जाता है। इस बार ये व्रत 29 जनवरी, शनिवार को है।
इस बार 16 दिसंबर को धनु संक्रांति पर गुरुवार को महीने का दूसरा प्रदोष व्रत है। शिव और स्कंद पुराण के मुताबिक अगहन महीने की तेरहवीं तिथि यानी त्रयोदशी पर भगवान शिव की विशेष पूजा से हर तरह की परेशानी दूर हो जाती है।
मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को चंपा षष्ठी का व्रत किया जाता है। इस बार ये व्रत 9 दिसंबर, गुरुवार को है। ये व्रत कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों का प्रमुख पर्व है। यहां पर भगवान शिव के अवतार खंडोबा को किसानों के देवता के रूप में पूजा जाता है।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को बैकुंठ चतुर्दशी कहते हैं। इस दिन बैकुंठाधिपति भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस बार यह पर्व 29 नवंबर, रविवार को है।
नौ दिवसीय अनुष्ठान के अंतर्गत नवरात्र के पहले दिन गोरक्षपीठाधीश्वर गोरखनाथ मंदिर स्थित शक्तिपीठ में कलश स्थापित करते हैं। इसके पहले कलश यात्रा निकाली जाती है और परिसर स्थित भीम सरोवर का जल कलश में भरा जाता है। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ कलश स्थापना के दायित्व का निर्वहन करते हैं।