वित्त वर्ष 2023-2024 में भारत से 21,083 करोड़ रुपए के हथियारों का निर्यात किया गया है। भारत से कभी इतना अधिक हथियार निर्यात नहीं हुआ था।
बुधवार को संसद में वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने बताया कि भारत से खिलौने का निर्यात बढ़ गया है। जबकि आयात में काफी कमी आई है। 2018-19 में आयात 371.69 मिलियन डॉलर से 57 प्रतिशत घटकर 2022 में 158.70 मिलियन डॉलर हो गया है।
भारत ने हाल ही में चावल की कुछ चुनिंदा किस्मों के निर्यात (Export) पर बैन लगा दिया है। इससे दुनियाभर में हाहाकार मच गया है। हर जगह चावल की कीमतें आसमान छू रही हैं। ऐसे में भारत के इस कदम पर अब IMF ने हस्तक्षेप करने का फैसला किया है।
SIPRI की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 10 साल में चीन के हथियारों के निर्यात में गिरावट आई है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले 10 वर्षों में वैश्विक हथियारों के निर्यात में चीन का कुल हिस्सा 6.3 प्रतिशत से गिरकर 5.2 प्रतिशत रह गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 6G के लिए भारत का विजन डॉक्यूमेंट पेश किया। उन्होंने कहा कि भारत पहले टेलीकॉम टेक्नोलॉजी का सिर्फ यूजर था आज देश इस क्षेत्र में बड़ा निर्यातक बनने की दिशा में बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि भारत का खिलौना निर्यात 2600 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। पहले देश से 300-400 करोड़ के खिलौने ही बाहर भेजे जाते थे। भारत का 70 फीसदी खिलौना आयात कम हुआ है।
26.55 फीसदी के इजाफ के साथ 58.26 बिलियन डॉलर के आयात में अधिक वृद्धि ने वित्त वर्ष 2023 के पहले महीने में व्यापक व्यापार घाटा छोड़ा। एक साल पहले की अवधि में 15.29 अरब डॉलर और मार्च 2022 में 18.51 अरब डॉलर के मुकाबले व्यापार अंतर 20.07 अरब डॉलर था।
भारत का कृषि निर्यात वर्ष 2021-22 में 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर गया। एपीडा निर्यात में अनाज क्षेत्र का 2021-22 में 52 प्रतिशत से अधिक का योगदान है।
भारत ने चावल, गेहूं, चीनी, अन्य अनाज और मांस जैसे स्टेपल के लिए अब तक का सबसे अधिक निर्यात हासिल किया है, जिसमें गेहूं का निर्यात 2020-21 में 568 मिलियन डॉलर से लगभग चार गुना बढ़कर 2021-22 में 2.12 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।
Wheat Export from India : भारत और चीन गेहूं के उत्पादक हैं, लेकिन यह प्रमुख निर्यातक नहीं रहे हैं। लेकिन रायटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार हाल की घटनाओं को देखते हुए इस मामले में भारत आगे आ जाएगा। भारत ने इस साल सात मिलियन टन अनाज निर्यात करने के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।