भीमा कोरेगांव मामले में पकड़े गए आरोपियों ने पिछले साल यह दावा किया था कि उनके इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों को पेगासस स्पाइवेयर के जरिये हैक किया गया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई थी। शीर्ष कोर्ट ने कहा था कि जिन नागरिकों को उनके डिवाइस की जासूसी करने का शक है, वे अपनी डिवाइस कमेटी को दे सकते हैं। इसके बाद भीमा कोरेगांव के आरोपियों ने अपनी डिवाइस हैक होने का आरोप लगा था।