9 जनवरी, मंगलवार को प्रदोष व्रत मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाएगा। इस दिन ज्येष्ठा नक्षत्र होने से मुद्गर नाम का अशुभ योग बनेगा। साथ ही वृद्धि और ध्रुव नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल दोपहर 03:13 से शाम 04:33 तक रहेगा।
9 जनवरी 2024 का दिन बहुत ही खास है क्योंकि इस दिन भगवान शिव से संबंधित 2 व्रत एक दिन किए जाएंगे। ये व्रत हैं मंगल प्रदोष और मासिक शिवरात्रि। जानें इन दोनों व्रतों की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त…
12 सितंबर, मंगलवार को आश्लेषा नक्षत्र दिन भर रहेगा, जिससे आनंद का शुभ योग बनेगा। इसके अलावा इस दिन सर्वार्थसिद्धि, शिव और सिद्ध नाम के 3 अन्य शुभ योग भी बनेंगे। राहुकाल दोपहर 03:26 से शाम 04:58 तक रहेगा।
Mangal Pradosh 2023: धर्म ग्रंथों में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अनेक व्रतों का वर्णन मिलता है। प्रदोष व्रत भी इनमें से एक है। ये व्रत हर महीने को दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। ये व्रत कई शुभ योग बनाता है।
1 जुलाई, शनिवार को पहले अनुराधा नक्षत्र होने से अमृत नाम का शुभ योग और ज्येष्ठा नक्षत्र होने से मूसल नाम का अशुभ योग बन रहा है। इनके अलावा इस दिन शुभ और शुक्ल नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल सुबह 9:09 से 10:50 तक रहेगा।
Bhaumvati Amavasya 2023: 21 मार्च, मंगलवार को चैत्र मास की अमावस्या है। मंगल का एक नाम भौम भी है। मंगलवार को अमावस्या का संयोग होने से ये भौम अमावस्या कहलाएगी। इस दिन मंगल दोष की दोष की शांति के लिए उपाय करना शुभ माना जाता है।
Angarki Sankashti Chaturthi 2022: हर महीने के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि को भगवान श्रीगणेश की विशेष पूजा की जाती है। जब चतुर्थी तिथि मंगलवार को होती है तो अंगारक चतुर्थी का योग बनता है। इस बार ऐसा संयोग 13 सितंबर 2022 को बन रहा है।
आज (5 अप्रैल) चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। ये चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) का चौथा दिन है। ये तिथि मंगलवार होने से और भी खास हो गई है क्योंकि जिस मंगलवार को चतुर्थी तिथि का योग बनता है, उसे अंगारक चतुर्थी (Angarak Chaturthi 2022) कहते हैं।
हमारे धर्म ग्रंथों में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अनेक व्रत बताए गए हैं। प्रदोष व्रत भी उनमें से एक है। ये व्रत हर महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर किया जाता है। ये व्रत विभिन्न वारों के साथ मिलकर शुभ योग बनाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगलवार को जब सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में या एक-दूसरे के पास वाली राशि में स्थित होते हैं तो भौमावस्या का योग बनता है। इस बार ये योग माघ मास की मौनी अमावस्या पर 1 फरवरी को बन रहा है। इस दिन मंगल अपनी मित्र राशि में स्थित रहेगा। जिससे इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है।