कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के पीक के दौरान लेकर पश्चिमी मीडिया के एक वर्ग द्वारा की गई कवरेज की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं। IIMC के एक सर्वे में सामने आया है कि कवरेज के दौरान पश्चिमी मीडिया की भूमिका पक्षपाती थी।
सर्वेक्षण के दौरान एक रोचक तथ्य यह भी सामने आया कि लगभग 63 प्रतिशत लोगों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब करने वाली पश्चिमी मीडिया की नकारात्मक खबरों को सोशल मीडिया पर फॉरवर्ड नहीं किया।