यूपी सरकार की तरफ से पेंशन स्कीम चलाई जा रही हैं। जिसके तहत आपकी 60 साल के बाद भी हर महीने तक कमाई होती रहेगी। जिसका नाम यूपी वरिष्ठ नागरिक पेंशन योजना है और इसके तहत लाभार्थियों को हर महीने 800 रुपये दिए जाते हैं।
राशन कार्ड संख्या ही परिवार आईडी होगी। वहीं जो परिवार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से आच्छादित नहीं हैं, उन्हं परिवार ऑनलाइन पोर्टल के जरिए परिवार आईडी निशुल्क उपलब्ध कराने की व्यवस्था होगी। भविष्य में सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में परिवार आईडी उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।
अभी तक यूपी के मदरसों में पढ़ाने वाले खुद ही शिक्षक बन जाया करते थे। यहां 80 प्रतिशत दीनी शिक्षा दी जाती थी, जबकि मॉर्डन एजुकेशन सिर्फ 20 फीसदी। सरकार अब मदरसा मॉर्डनाइजेशन के तहत इस व्यवस्था में सुधार लाने की कवायद में है।
यूपी में अब राज्य सरकार नए मदरसों को अनुदान नहीं देगी। कैबिनेट में पूर्व की अखिलेश सरकार का फैसला पलटते हुए यह आदेश दिया है। जिसके बाद मदरसों को अनुदान सूची पर लिए जाने की फैसले की नीति को समाप्त कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के सभी मदरसों में बृहस्पतिवार से रोजाना राष्ट्रगान गाना अनिवार्य कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रार एसएन पांडे ने गत नौ मई को सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को इस बारे में आदेश जारी किया था।
लखीमपुर खीरी मामले में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में यूपी सरकार ने कहा कि मामले के एक गवाह पर हमले और धमकी का आरोप गलत है। यूपी सरकार ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना जवाब दाखिल करते हुए यूपी सरकार ने पीड़ित परिवारों के आरोपों से इनकार किया है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सुनवाई करेगा।
बेसिक शिक्षा निदेशक ने सभी बीएसए को इस आशय का एक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उत्तर प्रदेश में एक सितंबर से कक्षा एक से पांचवीं तक के स्कूलों को भी खोल दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा था कि यूपी सरकार अपने फैसले पर विचार करें, कोर्ट ने सरकार को सोमवार तक का समय दिया था।
बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने 22 मई को ही सभी स्कूलों से क्लास 12 के प्री-बोर्ड और 11वीं के छमाही व वार्षिक परीक्षा के अंक मांगे थे, 28 मई तक अधिकांश स्कूल छात्र-छात्राओं के अंक डाटा भी ऑनलाइन पोर्टल पर फीड कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार कैदियों को चरणबद्ध तरीके से पेरोल पर रिहा करने की तैयारी में है। पहले चरण उन कैदियों को रिहा किया जाएगा, जिन्हें बीते साल 2020 में रिहा किया गया था, और वे पेरोल का पालन करते हुए तय समय में जेल में वापस आ गए थे।