ज्योतिष में जिस तरह 120 वर्ष की विंशोत्तरी दशा होती है, उसी तरह 36 वर्ष की योगिनी दशा भी मानी गई है। विंशोत्तरी दशा की तरह ही योगिनी दशाएं भी मनुष्य के जीवन को प्रभावित करती हैं।