लाल कृष्ण आडवाणी को अक्सर राम जन्मभूमि आंदोलन का प्रमुख प्रचारक माना जाता रहा है। एक आंदोलन जिसका समापन 22 जनवरी, 2024 को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में उनके जन्म स्थान पर भगवान राम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साथ हुआ।
नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि शंकराचार्य धर्मगुरु हैं, वे सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि अधूरा मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा नहीं हो रही है।
अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व का सबसे बड़ा डोनेशन कैंपेन चलाया गया। यह कैंपेन सिर्फ 45 दिनों का था और इस दौरान 2500 करोड़ रुपए से ज्यादा की धनराशि इकट्ठा की गई।
अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के लिए कई लोगों ने ऐसे संकल्प ले रखे हैं। जो आम इंसान की कल्पना से परे हैं। ऐसा ही एक संकल्प मध्यप्रदेश के एक व्यक्ति ने महज 10 साल की उम्र में ले लिया था। जिन्हें लोग मौनी बाबा के नाम से जानने लगे हैं।
500 साल बाद भगवान राम अयोध्या में अपने मंदिर में विराजने जा रहे हैं।
अयोध्या बाबरी विध्वंस केस इतिहास बन चुका है। स्थानीय निवासियों ने दशकों तक राम मंदिर आंदोलन का साइड इफेक्ट झेला। अब 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है।
अयोध्या में राम मंदिर बनने से दशकों पहले उसका मॉडल तैयार हो गया था। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर मॉडल कारसेवकपुरम में स्थापित है। आइए जानते हैं इसके तैयार होने की कहानी।
अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास 8 अगस्त 2020 में हुआ था। पीएम नरेंद्र मोदी ने मंदिर का शिलान्यास किया था। भव्य राम मंदिर तेजी से बढ़ रहा है।
राम मंदिर का निर्मााण युद्धस्तर पर जारी है। इस बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने राम मंदिर के गर्भग्रह निर्माण की तस्वीरें शेयर की हैं। इसमें कहा गया है कि गर्भगृह का निर्माण कार्य अपने अंतिम फेज में है।
ये वीडियो अयोध्या में निर्माणाधीन भव्य राम मंदिर के हैं, जिनमें पीछे सूरज चमकता नजर आ रहा है। ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। मंदिर के बैकग्राउंड में चमकते सूर्य को देखकर लोग कह रहे हैं कि मानों सूर्य देवता मंदिर को रोशन कर रहे हों।