आज (21 जून, मंगलवार) कालाष्टमी है। इस दिन भगवान कालभैरव की पूजा विशेष रूप से की जाती है और उपाय भी किए जाते हैं। इन उपायों से ग्रहों के अशुभ फल से छुटकारा मिलता है।
आज (1 मार्च, मंगलवार) महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2022) है। इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। भगवान शिव को प्रसन्न करने और परेशानियों से बचने के लिए भी इस दिन कई ज्योतिषीय व तंत्र-मंत्र से संबंधित उपाय किए जाते हैं।
हर महीने के कृष्ण पक्ष के अंत में अमावस्या तिथि आती है। हिंदू धर्म में इसे पितरों का दिन कहा जाता है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं। इस बार अमावस्या तिथि 1 नहीं 2 दिन रहेगी।
कालभैरव अष्टमी (Kalbhairav Ashtami 2021) पर व्रत और भगवान भैरव की विशेष पूजा करने की परंपरा भी है। इस पर्व पर भगवान भैरव की पूजा न कर पाएं तो जरूरतमंद लोगों को ऊनी कपड़े या कंबल का दान करने से भी पूजा का फल मिलेगा।
सावन (Sawan) माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर शिव जी और नाग देवता की विशेष पूजा की जाती है। इस पर्व को नागपंचमी (Nagpanchami) कहा जाता है, इस बार ये पर्व 13 अगस्त, शुक्रवार को है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन नागदेवता की पूजा करने से कई तरह के दोषों का शमन हो जाता है और सर्प भय से मुक्ति मिलती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु और केतु दोनों पाप ग्रह हैं। अन्य ग्रहों की तरह इनका कोई वास्तविक स्वरूप नहीं है। इसलिए इन्हें छाया ग्रह कहते हैं। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु-केतु से जुड़े दोष होते हैं तो ऐसे लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ये दोनों ग्रहों के कारण ही कुंडली में कालसर्प योग का निर्माण होता है।
ज्योतिष में कुल नौ ग्रह सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि और राहु-केतु बताए गए हैं। इन नौ ग्रहों में शनि, राहु-केतु को क्रूर ग्रह माना गया है। इन ग्रहों के दोष दूर करने के लिए शिवजी की पूजा सबसे सरल और कारगर उपाय है।
शिवपुराण के अनुसार शिव पूजा में शमी के पत्तों का विशेष महत्व है। ये पेड़ पूजनीय और पवित्र है।