3 जून, शनिवार को पहले विशाखा नक्षत्र होने से शुभ और इसके बाद अनुराधा नक्षत्र होने से अमृत नाम का शुभ योग बनेगा। इसके अलावा इस दिन शिव और सिद्ध नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल सुबह 9:04 से 10:44 तक रहेगा।
Vat Savitri Purnima Vart 2023: धर्म ग्रंथों के अनुसार, ज्येष्ठ मास के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि पर वट सावित्री व्रत किया जाता है। इस बार ये तिथि 3 जून, शनिवार को है। इस दिन कई शुभ योग होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
Vat Savitri Purnima Vart 2023: भारत विविधताओं का देश है। यहां एक ही पर्व कई अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है। ऐसा ही एक पर्व है वट सावित्री। उत्तर भारत में ये ज्येष्ठ अमावस्या को मनाते हैं, वहीं दक्षिण भारत में ज्येष्ठ पूर्णिमा पर।
19 मई, शुक्रवार को पहले भरणी नक्षत्र होने से मुद्गर नाम का अशुभ योग और इसके बाद कृत्तिका नक्षत्र होने से छत्र नाम का शुभ योग रहेगा। इनके अलावा शोभन और अतिगण्ड नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल सुबह 10:44 से दोपहर 12:23 तक रहेगा।
Vat Savitri Vrat 2023: इस बार वट सावित्री व्रत 19 मई, शुक्रवार को किया जाएगा। इस व्रत में ब्रह्मा-देवी सावित्री, शिव-पार्वती, यमराज और सत्यवान-सावित्री की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इनके अलावा इस दिन एक विशेष वृक्ष की पूजा का भी विधान है।
Vat Savitri Vrat Katha: इस बार वट सावित्री का व्रत 19 मई, शुक्रवार को किया जाएगा। इस व्रत का महत्व कई धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस दिन वट व्रत की पूजा करने का विधान है। महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना से ये व्रत करती हैं।
Vat Savitri Vrat 2023 Date: पति की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली के लिए महिलाओं द्वारा कई व्रत किए जाते हैं, वट सावित्री व्रत भी इनमें से एक है। ये व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि पर किया जाता है। इस व्रत का महत्व कई ग्रंथों में बताया गया है।
हिंदू धर्म में पति की लंबी उम्र और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए कई व्रत किए जाते हैं। वट सावित्री पूर्णिमा (Vat Purnima Vart 2022) भी उनमें से एक है। ये व्रत ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा पर किया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास की अमावस्या को वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat 2022) किया जाता है। ये व्रत महिलाएं अखंड सौभाग्य की इच्छा से करती हैं और कामना करती हैं कि उनके परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहे। इस बार ये व्रत 30 मई, सोमवार को है।
हिंदू धर्म में वृक्षों को भी देवताओं के रूप में पूजा जाता है। ये परंपरा वैदिक काल से चली आ रही है। समय-समय पर इन वृक्षों से संबधित त्योहार भी मनाए जाते हैं। वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat 2022) भी इनमें से एक है।